अर्थिंग क्या है | Earthing in Hindi

Earthing in Hindi
Earthing in Hindi

इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले है अर्थिंग क्या है , Earthing in Hindi, अर्थिंग कितने प्रकार की होती है ,अर्थिंग कैसे करे ,मशीन एवं उपकरणों पर अर्थिंग कैसे करे |

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अर्थिंग क्या है 

जहाँ आज विद्युत् ने मानव जीवन को सुवाधाजनक बना रखा है वही इसके कुछ नुकशान भी है | यदि किसी मशीन / उपकरण पर विद्युत् का आंशिक लीकेज हो रहा हो तो उस लीकेज के कारण विद्युत् खपत तो बडती ही है साथ ही उस मशीन के जलने का खतरा तथा उसकी दक्षता में भी कमी देखने को मिल जाती है |

इतना ही नही यदि इस लीकेज के संपर्क में मानव अथवा कोई अन्य जीव आ जाता है तो उसे जोरदार विद्युत् झटका लग सकता है | इस के कारण व्यक्ति बेहोश हो सकता , शरीर पर छाले पड़ सकते है या विद्युत् धारा की मात्रा अधिक होने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है |

इस समस्या के समाधान के लिए अर्थिंग बनायीं गयी है | जिससे इस लीकेज करंट को ख़त्म किया जा सकता है और मशीन उपकरण तथा जीवों को विद्युत झटके से बचाया जा सकता है |

“मानव , जीवो , मशीनों / उपकरणों को लीकेज करंट अथवा विद्युत् झटके से बचाने के लिए बनाया गया साधन अर्थिंग कहलाता है |

 अर्थिंग कैसे करे 

अर्थिंग को ग्राउंन्डिंग भी कहा जाता है | घर से बहार भूमि ( पृथ्वी ) में गड्डा खोदकर अर्थिंग की जाती है | अर्थिंग कैसे की जाती है इसके बारे में हम आपको पहले वाले आर्टिकल में बता चुके है | यदि अपने अभी तक वह आर्टिकल नही पढ़ा तो पहले आप उस आर्टिकल को पढ़ सकते है –

[ यह भी पढ़िए ] – अर्थिंग कैसे की जाती है 

मशीन एवं उपकरणों पर अर्थिंग कैसे करे 

यदि मशीन अथवा उपकरण में दिए जाने वाले फेज अथवा न्यूट्रल तार एवं कोई ऐसा पार्ट्स जिसमे करंट प्रवाहित हो रही थी और वह उस मशीन / उपकरण की बॉडी से टच हो जाती है तो मशीन की बॉडी में भी करंट प्रवाहित होने लगता |

जब भी कोई जीवित प्राणी उस मशीन अथवा उपकरण को छुएगा तो उसे विद्युत् झटका लगेगा जिससे उसकी मृत्यु हो सकती है | तो इस लीकेज करंट को दूर करने के लिए अर्थिंग से प्राप्त अर्थिंग वायर को मशीन अथवा उपकरण की बॉडी पर जोड़ दिया जाता है जिससे यह लीकेज करंट पृथ्वी में चली जाती है |

यदि अर्थिंग बेहतर तरीके से की गयी है और अर्थिंग प्रतिरोध 5 ओह्म से कम हे तो मशीन / उपकरण की बॉडी पर अर्थ तार जोड़ने के बाद उस मशीन / उपकरण में लीकेज करंट नही आता और विद्युत झटके से बचा जा सकता है |

[ यह भी पढिये ] 

हम आपको कुछ उपकरणों / मशीन में अर्थिंग करने का तरीका बता रहे है यदि इस तरीके से अर्थिग तार को जोड़ा जाये तो मशीन पूर्ण रूप से सुरक्षित तरीके से कार्य करेगी –

विद्युत् मोटर की अर्थिंग – किसी प्रकार की विद्युत् मोटर चाहे वह AC हो या DC सिंगल फेज हो या थ्री फेज , अर्थिंग वायर को मोटर की बॉडी पर बोल्ट की सहायता से जोड़ते है | मोटर की बॉडी पर अर्थ वायर जोड़ते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए की जिस जगह पर बोल्ट कसा जा रखा है उस जगह पर जंग या कलर या अन्य कोई अचालक पदार्थ ना लगा हो | 

यदि जग और कलर वाले स्थान पर अर्थिंग वायर जोड़ दिया जाये तो मोटर की बॉडी से लीकेज करंट अर्थ वायर तक नही पहुँच पायेगी और अर्थिंग के बाद भी विद्युत् झटका लगेगा | साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए की मोटर की बॉडी पर जोड़े जाने वाले तार में बोल्ट टाइट कसा हो किसी भी प्रकार का लूज कांटेक्ट ना हो |

motor ki earthing

विद्युत् उपकरण की अर्थिंग – यदि कोई विद्युत् उपकरण जिसकी बॉडी धात्विक हो यानि की धातु की बनी हो तो उसे भी अर्थ किया जाना चाहिए | ऐसे में इन उपकरणों के  पॉवर केबल का प्लग टॉप थ्री पिन का बनाया जाता है | और इस प्लग टॉप की अर्थ पिन जो अन्य दो फेज और न्यूट्रल पिन से बड़ी होती है उसके साथ का कनेक्ट तार उस उपकरण बॉडी पर ही स्क्रू की सहायता से कसा होता है | इस प्लग टॉप को हमेशा अर्थ युक्त थ्री पिन सॉकेट से जोड़ा जाता है |

upkaran ki earthing

थ्री पिन सॉकेट की अर्थिंग – घर में उपयोग किये जाने वाले स्विच बोर्ड के साथ हम अक्सर तीन पिन वाले सॉकेट लगा हुआ देखते है | इस सॉकेट में एक अर्थ पिन होती है जिसके साथ अर्थिंग पिट से आने वाले अर्थ वायर को कनेक्ट किया जाता है |

किसी भी थ्री पिन सॉकेट या प्लग टॉप में लगे अर्थ पिन की पहचान आसानी से की जा सकती है अर्थ पिन की मोटाई साथ में लगी अन्य दो पिन फेज व न्यूट्रल से अधिक होती है | तथा अर्थ पिन सॉकेट और प्लग टॉप में हमेशा दोनों पिन से ऊपर तथा सेन्टर में लगायी जाती है |

three pin socket , plug top ki earthing

ट्रांसफार्मर की अर्थिंग – पॉवर तथा तथा डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर में जब भी अनबैलेंस लोड के कारण न्यूट्रल तार में करंट प्रवाहित होने लगती है तो ऐसे में न्यूट्रल तार को अर्थ से जोड़ दिया जाता है जिससे न्यूट्रल तार का करंट 0 हो जाता है |

वही ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग के इंसुलेशन छिल जाने तथा ट्रांसफार्मर आयल की डायइलेक्ट्रिक स्ट्रेंथ कम हो जाने से ट्रांसफार्मर की बॉडी में भी करंट फॉलो होने लगता है | जिसके लिए ट्रांसफार्मर के बेस एंड बॉडी पर अर्थ तार को जोड़ दिया जाता है |

transformer ki earthing

अर्थिंग कितने प्रकार की होती है 

जगह के अनुसार अर्थिंग मुख्य रूप से दो प्रकार से की जाती है परन्तु सामान्य तरीके से देखे तो अर्थिंग तीन प्रकार की होती है –

प्लेट अर्थिंग | Plate Earthing – प्लेट अर्थिंग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हम निचे बताये है जो हमे याद रहने चाहिए –

  1. प्लेट अर्थिंग में अर्थिंग प्लेट की साइज़ कितनी होती है – 60cm X 60 cm
  2. GI की अर्थिंग प्लेट की मोटाई कितनी होती है – 6.30 mm
  3. कॉपर की अर्थिंग प्लेट की मोटाई कितनी होती है – 3.15 mm
  4. प्लेट अर्थिंग में अर्थिंग तार की मोटाई कितनी होती है – 8 SWG
  5. अर्थिंग तार स्थापित करने के लिए किस साइज़ के GI पाइप का उपयोग किया जाता है – 12.7 mm 
  6. अर्थिंग में पानी डालने के लिए किस साइज़ के पाइप का उपयोग किया जाता है – 19.5 mm 
  7. प्लेट अर्थिंग में तार की जाली से बने फिल्टर को क्या कहते है – फनल 
  8. अर्थिंग में नमी बनाये रखने के लिए किन – किन सामग्री का उपयोग किया जाता है – नमक और चारकोल 


पाइप अर्थिंग ( Pipe Earthing ) – पाइप अर्थिंग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न हम निचे बताये है –
  1. पाइप अर्थिंग में GI पाइप / अर्थ इलेक्ट्रोड की साइज़ कितनी होती है – 38 mm 
  2. अर्थ इलेक्ट्रोड की लम्बाई कितनी होती है – 2.5 मीटर 
  3. पाइप अर्थिंग में किस साइज़ का अर्थ तार उपयोग किया जाता है – 8 SWG 
  4. पाइप अर्थिंग में अर्थिंग तार की स्थापना के लिए किस साइज़ के GI पाइप का उपयोग किया जाता है – 12.7 mm 
  5. पाइप अर्थिंग में नमी बनाये रखने के लिए पानी डालने हेतु किस साइज़ के GI पाइप की आवश्यकता होती है – 19.5 mm 
  6. पाइप अर्थिंग में किस साइज़ के वाशर तथा सॉकेट उपयोग किये जाते है – 12.7 mm 
 
यह भी पढ़िए – 

Conclusion :- 
तो इस आर्टिकल में हमने पढ़ा अर्थिंग क्या है | Earthing in hindi यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आता है तो कृपया अपने साथियों के साथ जरुर शेयर करे |

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