Three Phase Motor Working Principle In Hindi | थ्री फेज मोटर का कार्य सिद्धांत

 
इस आर्टिकल में आप पढ़ेंगे थ्री फेज मोटर का कार्य सिध्दांत क्या है (Three Phase Motor Working Principle in hindi ) वर्तमान में थ्री फेज मोटर के उपयोग बहुत ही अधिक हो गए हे कृषि , औद्योगिक एवं अन्य कार्यो में Three Phase Motor अपना एक विशेष स्थान रखती हे | इस आर्टिकल में हम Three Phase Motor के कार्य सिद्धांत के बारे में पढ़ने वाले हे की आखिर Three Phase Motor कार्य कैसे करती हे , कैसे उसका Rotor घूमता हे आदि | 

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Three Phase motor Working Principle in Hindi

Three Phase motor Working Principle in Hindi

Three Phase Motor विद्युत चुम्बकिय प्रेरण सिध्दांत पर कार्य करती है जब Three Phase Motor के Stator को तीन फेज की Supply से जोडा जाता है तो Rotor मे प्रत्यावर्ती चुम्बकिय क्षेत्र के साथ घुमावदार चुम्बकिय क्षेत्र उत्पन्न होता है
 
 फैराडे के विद्युत चुम्बकिय प्रेरण सिध्दांत मे कहा गया है कि “जब भी किसी प्रत्यावर्ती चुम्बकिय क्षेत्र मे किसी चालक को रखा जाता है तो उस चालक मे विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है”
अबजब स्टेटर के प्रत्यावर्ती चुम्बकिय क्षेत्र मे शार्ट सर्किट चालक यानि कि रोटर को रखा जाता है तो रोटर मे एक विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है फैराडे के विद्युत चुम्बकिय प्रेरण के नियमानुसार
 

थ्री फेज मोटर की कार्य प्रणाली 

जैसा कि आप जानते हे मोटर में मुख्य रूप् से दो भाग होते है एक होता है स्टेटर जो कि मोटर का स्थिर भाग होता है वही दुसरा भाग होता है रोटर जो मोटर का घुमने वाला भाग होता है और इसी भाग से हमें  Motor से यांत्रिक शक्ति प्राप्त होती है 

जब स्टेटर को थ्री फेज सप्लाई के साथ जोडा जाता है तो स्टेटर में एक घुमने वाला चुम्बकिय क्षेत्र स्थापित होता है वास्तविकता में तो चुम्बकिय क्षेत्र घुमता नही है अपितु उसके पोल इतनी तीव्रता से चक्रीय क्रम में उत्तेजित होते है कि वे घुमते हुए प्रतीत होते है  

घुमने वाला चुम्बकिय क्षेत्र स्थापित करने के लिए कम से कम दो फेजों का होना आवश्यक होता है इस घुमने वाले चुम्बकिय क्षेत्र के सम्पर्क में जब रोटर चालक आते है तो रोटर में विद्युत वाहक बल पैदा हो जाता है  
 
रोटर में विद्युत वाहक बल के कारण रोटर चालकों में चुम्बकिय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है और एक ही जगह पर कार्यरत दो चुम्बकिय क्षेत्र की पारस्परिक क्रिया से एक घुमने वाला बल उत्पन्न होता है जिससे रोटर घुमनें लगता है  
 
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Conclusion :-
 
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