ट्रांसफार्मर की हानियाँ | Transformer losses in hindi | Transformer Iron Loss | Transformer Copper Loss |


इस आर्टिकल  Transformer losses in hindi में हम आपको ट्रांसफार्मर की हानियों से परिचित करवाने वाले है | आप अच्छे से जानते है की ट्रांसफार्मर के उपयोग से हमे बहुत ही ज्यादा फायदे होते हे |ट्रांसफार्मर उत्पन्न विद्युत की वोल्टेज को कम या अधिक करने में हमारी मदद करता है , फ्रीक्वेंसी को स्थिर रखने में सहायक होता है , उच्च या निम्न वोल्टेज को एक जगह से दूसरी जगह पहुचाने में बहुत ज्यादा उपयोग आता है ,हमारे वैद्युतिक लोड को सही एवं गुणवता वाली सप्लाई देने में सहयोग करता है |

लेकिन इन फायदों के अतरिक्त ट्रांसफार्मर में कुछ हानियाँ भी होती हे जो ट्रांसफार्मर को ख़राब करने , सही सप्लाई प्रदान करने से रोकने तथा ट्रांसफार्मर की दक्षता को घटाने का कार्य करती है | यदि आप नही जानते की ट्रांसफार्मर में कौन – कौन सी हानियाँ होती है , तथा इन हानियों से ट्रांसफार्मर को क्या नुकसान होता है तो यह आर्टिकल आप पूरा पढ़े –

Transformer losses in hindi

Transformer losses in hindi
 
ट्रांसफार्मर में हानियाँ होने के कारण कोई भी ट्रांसफार्मर कभी भी 100 प्रतिशत वैद्युतिक उर्जा को एक परिपथ से दुसरे परिपथ में स्थानांतरित नही कर सकता है |
ट्रांसफार्मर में मुख्य रूप से दो प्रकार की हानियाँ होती है –
  1. लौह हानी ( Iron Loss )
  2. ताम्र हानि ( Copper Loss )

 

1.लौह हानि | Transformer Iron Loss in Hindi 

ट्रांसफार्मर में चुम्बकीय परिपथ को पूर्ण करने एवं प्राइमरी तथा सेकेंडरी वाइंडिंग को बेस देने के लिए सिलिकॉन स्टील से बनी कोर ( Core ) का उपयोग किया जाता है | 
 
जब ट्रांसफार्मर को स्टार्ट किया जाता है तो फैराडे के अन्योन प्रेरण सिध्दांत के अनुसार सेकेंडरी वाइंडिंग के साथ साथ ट्रांसफार्मर की कोर में भी विद्युत शक्ति उत्पन्न होती है | 
 
ट्रांसफार्मर की कोर के द्वारा उत्पन्न होने वाली यह वैद्युतिक शक्ति अनावश्यक रूप से विद्युत की खपत करती है जिसे हम आयरन हानि ( iron loss ) कहते है | 
 
Iron loss के निम्न दो प्रकार होते है 
  • भंवर धारा हानी ( Eddy Current Loss )
  • शैथिल्य हानी ( Hysteresis Loss )
[i] भंवर धारा हानी ( Eddy Current Loss )
ट्रांसफार्मर की कोर में जब अन्योन प्रेरण के द्वारा विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है तो इस विद्युत वाहक बल के कारण कोर में प्रवाहित होने वाली धाराए अनावश्यक रूप से विद्युत शक्ति को खर्च करती हे यह खर्च की गयी विद्युत शक्ति ट्रांसफार्मर के किसी भी काम में नही आती जिस कारण से इसे भंवर धारा हानि कहा जाता है | 


( ii ) शैथिल्य हानी ( Hysteresis Loss )
जब ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग को वैद्युतिक सप्लाई से जोड़ा जाता है तो वाइंडिंग में विद्युत चुम्बक उत्पन्न होता है चूँकि ट्रांसफार्मर की कोर भी वाइंडिंग के संपर्क में होती हे तो कोर में चुम्बकीय गुण उत्पन्न होता है | 

कोर जैसे लौह चुम्बकीय पदार्थ के बार -बार चुम्बकित तथा विचुम्बकित होने में विद्युत शक्ति की जो खपत होती है उसे हिस्टैरिसीस हानी कहा जाता है | 
 

2. ताम्र हानि | Transformer Copper Loss in Hindi

ट्रांसफार्मर की वाइंडिंग में होने वाली हानी कॉपर हानि कहलाती है | यह हानि वाइंडिंग के प्रतिरोध के कारण उत्पन्न होती है | जैसे जैसे ट्रांसफार्मर पर लोड का मान बढ़ता जाता है वैसे – वैसे कॉपर हानि का मान भी बढ़ता है | 

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तो इस आर्टिकल में आपने पढ़ा ट्रांसफार्मर की हानियाँ | Transformer losses in hindi | यदि यह आर्टिकल आपको पसंद आता है तो कृपया अपने साथियों के साथ भी जरुर शेयर करे | और इसी तरह के अन्य आर्टिकल की जानकारी के लिए आप हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करे |

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