सर्पी वलय प्रेरण मोटर क्या है | slip ring induction motor in hindi

 
slip ring Induction Motor 
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Slip Ring Induction Motor
स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर क्या है ?
थ्री फेज की गिलहरी पिंजरा मोटर का टार्क कम होने के कारण अत्यधिक टार्क प्राप्त करने के लिए स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर का निमार्ण किया गया | इस मोटर का हिंदी नाम सर्पी वलय प्रेरण मोटर है | 
 
slip ring induction motor मोटर की बनावट अन्य मोटर से अलग होती है|  जैसा की हम जानते है थ्री फेज की मोटर का नाम उस मोटर के घुमने वाले भाग की सरचना के अनुसार तय किया जाता है तो स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर में भी घुमने वाले भाग रोटर की शाफ़्ट के ऊपर तीन स्लिपरिंग लगी होती है जिसके कारण मोटर का नाम स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर रखा गया है | 

स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर के भाग –

मुख्य रूप से एक स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर में दो भाग होते है –
१ स्टेटर
२ रोटर 

१ स्टेटर ( Stator) – यह मोटर का स्थिर भाग होता है जिसका निमार्ण सिलिकॉन की लेमिनेटेड यानि की पटलित पत्तियों से मिलकर किया जाता है | इस स्टेटर में ही थ्री फेज की वाइंडिंग स्थापित की जाती है | 

 
सामान्य रूप से देखा गया है की इस मोटर की स्टेटर वाइंडिंग स्टार क्रम में जुडी होती है | इस मोटर की बॉडी कास्ट आयरन से बनी होती है | इस फ्रेम या बॉडी की सरचना थ्री फेज की या AC की सभी मोटर से अलग होती है |
 
 जैसा की अपने देखा होगा AC की मोटर की बॉडी या योके पर कुलिंग के लिए स्लॉट कटे होते है परन्तु इस मोटर की बॉडी DC मोटर की बॉडी के समान प्लेन होती है जिस पर किसी भी प्रकार के कोई भी स्लॉट नही होते है | 
 
इस मोटर में कुलिंग के लिए मोटर के अन्दर ही एक कुलिंग फेन शाफ़्ट के साथ लगा होता है जो स्टेटर और रोटर वाइंडिंग को ठंडा रखने के लिए उपयोग किया जाता है | 

२ रोटर (Rotor ) – इस मोटर के घुमने वाले भाग को रोटर कहा जाता है | स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर के इस रोटर को वाउंड रोटर के नाम से भी जाना जाता है | इस मोटर के रोटर की सरचना अन्य मोटर से अलग होती है | 

 
इस रोटर में वाइंडिंग का उपयोग किया जाता है जिसे स्टार में कनेक्ट कर वाइंडिंग के एक एक सिरे को इसी रोटर की शाफ़्ट पर लगी तीन स्लिपरिंग के साथ जोड़ दिया जाता है तथा स्लिपरिंग के साथ कार्बन ब्रश का उपयोग करते हुए इस रोटर वाइंडिंग को बाहरी प्रतिरोध से जोड़ देते है | 
 
थ्री फेज का यह बाहरी प्रतिरोध रोटर रेजिस्टेंस स्टार्टर के नाम से जाना जाता है | इस रोटर को बाहरी प्रतिरोध से जोड़ने से मोटर का टार्क अधिक किया जा सकता है | 

Slip Ring Induction Motor का कार्य सिद्धान्त 

इस मोटर की बनावट भले ही थ्री फेज की अन्य मोटर से अलग हो परन्तु यह मोटर भी फैराडे  के विद्युत चुम्बकीय प्रेरण सिद्धांत पर ही कार्य करती है | 


जब इस मोटर के स्टेटर को थ्री फेज सप्लाई से जोड़ते है तो स्टेटर में एक घुमने वाला चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है जब इस चुम्बकीय क्षेत्र की चुम्बकीय बल रेखाओ को रोटर चालक काटते है तो रोटर में भी विद्युत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है और रोटर चुम्बकीय क्षेत्र में घूमना शुरू कर देता है | 

Slip Ring Induction Motor के उपयोग –

स्लिपरिंग इंडक्शन मोटर का उपयोग उन कार्यों में किया जाता है जिसमे अधिक स्टार्टिंग टार्क की आवश्यकता होती है |जैसे – क्रेन मशीन , रोलर , लिफ्ट आदि | 

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