Electrolysis ( विद्युत अपघटन ) – हमारे दैनिक जीवन में हम कई एसी क्रिया और घटनाओं को देखते है जो की चौंका देने वाली होती है |विज्ञान के हमें एसी कई घटनाएँ और क्रियाएं देखने को मिलती है जो की हमें देखने में असंभव सी लगती है |
इस पोस्ट में हम रसायन विज्ञान की एसी ही एक क्रिया विद्युत अपघटन के बारे में बात करने वाले है जिसका उपयोग आज हमारे लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है | यदि आप भी जानना चाहते है की विद्युत अपघटन क्या है? इस क्रिया का उपयोग कब और कहाँ किया जाता है तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है |

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विद्युत अपघटन क्या है | Electrolysis
विद्युत अपघटन रासायनिक द्रव पदार्थों में होने वाली एक रासायनिक क्रिया होती है | जो की किसी रासायनिक पदार्थ से आयनों को अलग अलग करने के लिए उपयोग की जाती है | इस प्रकार की क्रिया का उपयोग हम विभिन्न प्रकार के कामों में करते है जैसे – सेल अथवा बैटरी में , धातुओं के शुद्धिकरण में , विद्युत मुद्रण में , इलेक्ट्रोलायटिक कैपेसिटर बनाने में आदि |
जब हम भिन्न भिन्न प्रकार के द्रवों में विद्युत धारा प्रवाहित करके देखें तो हम पाएंगे की कुछ द्रव में से तो विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है लेकिन कुछ द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित नही हो पाती है |
यदि किसी द्रव पदार्थ में हम विद्युत धारा प्रवाहित करते है और उस द्रव पदार्थ में विद्युत धारा प्रवाहित हो जाती है तो उसे चालक द्रव पदार्थ कहा जाता है |
वही यदि हम किसी द्रव में विद्युत धारा प्रवाहित करें और उसमें विद्युत धारा प्रवाहित न हो तो उस द्रव पदार्थ को हम कुचालक द्रव पदार्थ कहेंगे | ऐसे कुछ द्रव पदार्थ है जैसे – डिस्टिल्ड वाटर , तेल , एल्कोहल आदि |
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Electrolysis की क्रिया
आइये हम गंधक के अम्ल में विद्युत अपघटन की क्रिया को समझने का प्रयास करते है |
एक कठोर अचालक पात्र में गंधक का अम्ल ले | और उसमें एनोड और कैथोड दो छड़े लगाये | अब एनोड छड को डीसी सप्लाई के धन सिरे से जोड़े और कैथोड़ छड को डीसी सप्लाई के ऋण सिरे जोड़े | यहाँ हम देखते है की गंधक के अम्ल में विद्युत धारा का प्रवाह शुरु हो जाता है | गंधक के अम्ल से धन आयन कैथोड़ की और एवं ऋण आयन एनोड की और गति करने लगते है |
H2SO4 —-> 2H+ + SO4—
गंधक के अम्ल में H+ आयन कैथोड को अपना आवेश देकर हाइड्रोजन गैस बनाते है | वही SO4— आयन एनोड पर पहुँच कर जल के साथ क्रिया करके फिर से गंधक का अम्ल और ऑक्सिजन गैस बनाते है |
2H2O + 2SO4— —-> 2H2SO4 + O2
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विद्युत अपघटन के उपयोग कहाँ होते है
विद्युत अपघटन के कई जगह उपयोग किये जाते है
- विद्युत रंजन | Electroplating
- धातुओं का शुद्धिकरण | Purification of Metals
- इलेक्ट्रोलायटिक कैपेसिटर | Electrolytic Capacitor
- विद्युत मुद्रण | Electro-Typing
- धातु शोधन | Extraction of metal
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Electrolysis IMP Questions Answers
उत्तर-: विद्युत अपघटन एक कूलंब के विद्युत पदार्थ की मात्रा को विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहा जाता हैं।
उत्तर-: विद्युत अपघटन द्वारा मुक्त पदार्थ का भार धारा और समय के समानुपाती होता है
उत्तर-: विद्युत अपघटन विधि में द्रव्यमान की गणना करने के लिए M=Z×i×t का प्रयोग किया जाता हैं
उत्तर-: विद्युत अपघटन प्रक्रिया में विद्युत धारा को प्रवाहित किया जाता हैं तो केरेंट बहने के कारण विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव उत्पन्न होता है।
उत्तर-: पदार्थ का एटॉमिक भार और वेलेन्सी के अनुपात को रासायनिक तुल्यांक कहते है। रासायनिक तुल्यांक =एटॉमिक भार/वेलेंसी
उत्तर-: विशिष्ट गुरुत्व मापने के लिए हाईड्रोमीटर का प्रयोग किया जाता हैं।
उत्तर-: इलेक्ट्रोलाईट बनते समय तेजाब के अंदर बूंद बूंद करके पानी को डालना चाहिए।
विद्युत अपघटन की अवस्था को अपेक्षित घनत्व के पदों मे जाचा जाता हैं।
उत्तर-: किसी अम्ल या अकार्बनिक मिश्रण में से विद्युत धारा को प्रवाहित किया जाता हैं तो वह अपने अवयवों में विभाजित होने लगता हैं इस प्रक्रिया को ही विद्युत धारा का रासायनिक प्रभाव कहा जाता हैं।
उत्तर-: विद्युत अपघटन का घोल अम्लीय या अकार्बनिक घोल का मिश्रण होता है।
Final Word – तो इस पोस्ट में हमने जाना विद्युत अपघटन क्या है और इसका उपयोग कहाँ किया जाता है | उम्मीद करते है आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी कृपया इसे अपने साथियों के साथ जरुर शेयर करें | और हमारे अलगे पोस्ट की अपडेट के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़े |